मोदी की विपक्ष पर अगली चोट, “One Nation One Election” विशेष सत्र 2023

One Nation One Election
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मोदी सरकार ने देश का पैसा और समय को बचाने के लिए विशेष सत्र की बैठक बुलाई है। गैर – अधिकारी सूत्रों के हवाले से आयी इस खबर ने विपक्षी दलों में खलबली मचा दी है। दरअसल इस 18 से 22 सितम्बर को होने वाले 5 दिवसीय विशेष सत्र में मोदी सरकार “वन नेशन वन इलेक्शन” बिल ला सकती है।

वन नेशन वन इलेक्शन, बिल क्या है ?

अगर मोदी सरकार “One Nation One Election” बिल संसद में पेश करती है, तो देश में आगमी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होंगे। सरल भाषा में इसको समझे तो देश में, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के चुनाव एक साथ होगा। इस खबर के बाद विपक्षी दलों में खलबली मच गयी है। हालांकि इस खबर के सन्दर्भ में कोई भी सरकार की तरफ से आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। यह भी संभव है, 5 दिवसीय विशेष सत्र में सरकार कोई और मुद्दा संसद में उठाये।

विशेष सत्र की बैठक

मोदी सरकार ने 5 दिवसीय विशेष सत्र की बैठक बुलाई है। इस विशेष सत्र की बैठक 18 सितम्बर से 22 सितम्बर तक होगी। केंद्र सररकार इस विशेष सत्र में “One Nation One Election” यानी “एक देश एक चुनाव” बिल या फिर कोई अन्य बिल संसद में पेश कर सकती है।

ज़रूरी संसोधन

अगर मोदी सरकार “One Nation One Election” बिल संसद में पेश करती है, तो कई संवैधानिक संसोधन करने की ज़रुरत होंगी। क्यूंकि हमारे देश में लोकसभा और विधानसभा का कार्यकाल हर राज्ये में अलग अलग होता है। जिसको एक साथ लाना होगा।

फ़ायदे

चुनावी खर्च कम 

अगर देश में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ होते है, तो चुनावी खर्च की लागत कम आएगी। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में 60 हज़ार करोड़ रुपए की लागत आयी थी। यह लागत सभी दलों द्वारा किये गए खर्चो और ECI इलेक्शन कमीशन ऑफ़ इंडिया के द्वारा किये गए खर्चो को मिलाकर है।

मतदाता बढ़ेंगे

एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक होते है, तो इसका सबसे बढ़ा फ़ायदा वोटर्स की संख्या पर होगा। एक साथ चुनाव होने पर वोटिंग बढ़ेंगी। देखा जाता है, की किसी वोटर का नाम लोकसभा चुनाव में तो होता है, लेकिन विधानसभा चुनाव में नहीं होता है। ऐसे में इस समस्या को दुरुस्त किया जा सकता है।

योजना का लाभ

देखा जाता है, की जहाँ – जहाँ चुनाव होते है , वहां अचार सहिंता लागू हो जाती है। जिस कारण योजना या परियोजना का कार्य को रोक दिया जाता है। ऐसे में सबसे बढ़ा फ़ायदा होगा की देश में सिर्फ 5 साल में 1 बार अचार सहिंता लागू होगी।

 

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